टीवी सीरियल अपडेट for Dummies

“मैंने आपको चोट पहुंचाने के बाद, आपने रेत में लिखा और अब, आप एक पत्थर पर लिखते हैं, क्यों?”

“सर, वो…..” छात्र कुछ हिचकिचाते हुए बोला, “….मेरे अतीत में कुछ ऐसा हुआ है, जिसकी वजह से मैं परेशान रहता हूँ. समझ नहीं आता क्या करूं?”

लोग हर बार उसी समस्याओं के बारे में शिकायत करने, बुद्धिमान व्यक्ति के पास आ रहे हैं। एक दिन उसने उन्हें एक चुटकुला सुनाया और सभी लोग हंसी में झूम उठे।

Due to the fact I had under no circumstances monetarily prepared for at the present time, I needed to borrow income from close friends and family. I modified the name to Black Dog Espresso, the menu, the recipes along with the glance on the cafe, and my spouse did a terrific position of ‘coming up with on a dime.’ Eighteen many years later, we’re however here and undertaking better than at any time. I’m eternally grateful for your layoff and the chance to go after my dream.” Trying to pursue your dream? Here are recommendations on leaving your working day job to satisfy your dream. 

“आप एक ही मजाक में बार-बार हँस नहीं सकते। तो आप हमेशा एक ही समस्या के बारे में क्यों रो रहे हैं? ”

पंचतंत्र की कहानी: चार दोस्त और शिकारी

सच बोलने वाला सलाहकार – तेनालीराम की कहानी

यह बात छोटी है, परंतु बहुत ही प्रेरणादायक है क्योंकि यह छोटा सा प्रसंग लाल बहादुर शास्त्री जी की सहृदयता, मानवता और कर्तव्यों के प्रति उनकी आस्था को दर्शाता है।

अंत में, उसने उसे कॉफ़ी पीने के लिए कहा। इसकी समृद्ध सुगंध उसके चेहरे पर मुस्कान ले आई।

पंचतंत्र की कहानी: स्वजाति प्रेम – swajati prem

उन्हें अपनी गलती का अहसास हो रहा था और उनकी आत्मा उन्हें बार – बार यह बोल रही थी की झूठ नहीं बोलना चाहिए.

“When I was 40 years aged, my spouse died of a uncommon liver sickness. She was 34. At the time, we had a ten-calendar year-old daughter and I was the co-operator of a silkscreen small business in San Francisco. Soon after her Loss of life, I realized there was anything greater I needed to do in my everyday living, but had no clue what. So, I offered my 50 % on the business to my spouse and waited for assistance to grasp what to perform next. My spouse had an excellent humorousness and, Even though there have been a great deal of tears over the 3 decades of her terminal ailment, there was lots of laughter.

मार-खाने के डर से गाँधी जी ने अपने माता-पिता से झूठ बोला कि कड़ा कही गिर गया है. किन्तु झूठ बोलने के कारण गाँधी जी का मन स्थिर नहीं हो पा रहा था.

यह सुनकर हंस बेचारा हैरान था वह रोने, बिलखने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया है, उसके साथ अन्याय हुआ है। उल्लू ने मेरी पत्नी लेली ऐसा कहते click here हुए रोते बिलखते वह वहां से जाने लगा। 

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